मेरे इस रेगिस्तान मन में
बूँद प्यार का गर टपक जाए
रेत गीली हो जाय
दिल का दामन भर जाय
जन्मों से प्यासे इस मन को
प्यार का जो सौगात मिला
मन पंछी बन उड़ जाए
रहे न जीवन से गिला
जाने क्यों मन भटका जाय
ढूंढे किसे ये मन बंजारा
है आवारा बादल की तलाश
पाकर मन कहे 'मै हारा'
इतना प्यार उड़ेलूँ उसका ..
आवारापन संभल जाए
वो बूँद बन जाए बादल का
और इस सूखे मन में टपक जाए
इतना प्यार उड़ेलूँ उसका ..
जवाब देंहटाएंआवारापन संभल जाए
वो बूँद बन जाए बादल का
और इस सूखे मन में टपक जाए..
बहुत भावपूर्ण प्रेम गीत..
गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावपुर्ण गीत
जवाब देंहटाएंबधाई
जाने क्यों मन भटका जाय
जवाब देंहटाएंढूंढे किसे ये मन बंजारा
है आवारा बादल की तलाश
पाकर मन कहे 'मै हारा'जीवन मे और कुछ मानो य न मानो मगर हार मत मानो। अच्छी रचना। गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
कोमल भावों से सजी ..
जवाब देंहटाएं..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ... जय हिंद
कोमल भावों से सजी ..
जवाब देंहटाएं..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!
इतना प्यार उड़ेलूँ उसका ..
जवाब देंहटाएंआवारापन संभल जाए
वो बूँद बन जाए बादल का
और इस सूखे मन में टपक जाए
bahut sunder
जन्मों से प्यासे इस मन को
जवाब देंहटाएंप्यार का जो सौगात मिला
मन पंछी बन उड़ जाए
रहे न जीवन से गिला
बहुत सुंदर लेकिन मार्मिक भाव की अभिव्यक्ति ...शुक्रिया