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दिसंबर 21, 2011

मेरी कवितायें......



मेरी कवितायें है एक आह़त पक्षी सम
गिरे तेरे कदमों पर हे! मेरे प्रियतम
जो पक्षी है आह़त नयन - वाण से
प्रिये उठा लो उसे....... धीरे से


वो सब स्वच्छंद विचरण-
 करती थी , नील नभ पर ,
तुम्हारे नयन-बाण ने
 किया आह़त कब न जानूं पर ,

मृत्यु गीत विषाद से भरा 
पर है ये अमृत सम 
 उदासी के साथ- साथ
 ये कवितायें है जीवन मम 

15 टिप्‍पणियां:

  1. मृत्यु गीत विषाद से भरा
    पर है ये अमृत सम
    उदासी के साथ- साथ
    ये कवितायें है जीवन मम

    बहुत सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं
  2. तुम्हारे नयन-बाण ने किया आह़त कब न जानूं पर ,
    बहुत सुंदर अच्छी लगी , आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. Kavita ji...

    Nayan baan se khag, mrug, insaaan...
    Saare hi ghayal hote hain..
    Aah nikalti nahi juban se..
    Peer se par, kaayal hote hain...

    Naam se bhi jo khud 'Kavita' hain...
    Unki kavita ka kya kahna...
    Hindi gyan vilakshan enka...
    Bhavon ka jyon bahta jharna...

    Sundar bhav..

    Deepak Shukla...

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छे शब्दों का प्रयोग किया है शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  5. कल 23/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. खूबसूरत शब्दों से सजी गहरे भावों वाली सुंदर रचना बधाई समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  7. मेरी कवितायें है एक आह़त पक्षी सम
    गिरे तेरे कदमों पर हे! मेरे प्रियतम
    जो पक्षी है आह़त नयन - वाण से
    प्रिये उठा लो उसे....... धीरे से

    बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर रचना...
    सादर शुभकामनाएं....

    जवाब देंहटाएं

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