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हमने रखे हैं नक्शे पा आसमां के ज़मीं पर अब ज़मीं को आसमां बनने में देर न लगेगी टांग आयी हूँ सारे ग़म दरो दीवार के खूंटी पर अब वफ़ाओं...
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तूने दिखाया था जहां ए हुस्न मगर मेरे जहाँ ए हक़ीक़त में हुस्न ये बिखर गया चलना पड़ा मुझे इस कदर यहाँ वहाँ गिनने वालों से पाँव का छाला न गिना गय...
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मैं जिंदा हूँ अन्याय का खिलाफत मैं कर नहीं पाता कुशासन-सुशासन का फर्क समझ नहीं पाता प्रदूषित हवा में सांस लेता हूँ पर मैं जिंदा हूँ सर...
बहुत उम्दा सराहनीय रचना,,
जवाब देंहटाएंहोली का पर्व आपको शुभ और मंगलमय हो!
Recent post : होली में.
आपको भी शुभ होली
जवाब देंहटाएंयही तो है होली का संदेश!
जवाब देंहटाएंहोली का पर्व आपको सपरिवार शुभ और मंगलमय हो!
जवाब देंहटाएंसादर
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंsundar rachana . holi ki hardik badhai
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सब को सपरिवार होली ही हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन हैप्पी होली - २ - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपकी यह पोस्ट कल चर्चा मंच पर है
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंआपको होली की शुभकामनाएं!
http://voice-brijesh.blogspot.com
जवाब देंहटाएंहृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार भावसंयोजन .आपको बधाई.होली की हार्दिक शुभ कामना .
ना शिकबा अब रहे कोई ,ना ही दुश्मनी पनपे
गले अब मिल भी जाओं सब, कि आयी आज होली है
प्रियतम क्या प्रिय क्या अब सभी रंगने को आतुर हैं
हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है .
बहुत खूब
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर।। होली की हार्दिक शुभकामनाएं
पधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...