शून्य का मैं ओज हूँ
शून्य के रथ पर सवार
शून्य का मैं आज हूँ
शून्य का कपाट हूँ
शून्य सा विराट हूँ
शून्य सा ही क्षुद्र मैं
शून्य का ललाट हूँ
अवसाद में है शून्यता
विषाद में है शून्यता
प्रसन्नता में शून्यता
विपन्नता में शून्यता
शून्य मेघ का गरज
शून्य विद्युत सा लरज
शून्य सूर्य सा है तप्त
शून्य चंद्र सा है सर्द
शून्य सा प्रखर हूँ मैं
शून्य का शिखर हूँ मैं
शून्य सा हूँ मापदण्ड
शून्य सा मुखर हूँ मैं
शून्य का शिखर हूँ मैं
शून्य सा हूँ मापदण्ड
शून्य सा मुखर हूँ मैं
शून्य का अलाप हूँ
शून्य का विलाप हूँ
शून्य का हूँ शब्दरूप
शून्य का संलाप हूँ
शून्य का हूँ शब्दरूप
शून्य का संलाप हूँ
रात्रि शून्य में विलय
शून्य शनि का वलय
तारकों में टिमटिमाता
प्रकाश का महाप्रलय
शून्य शनि का वलय
तारकों में टिमटिमाता
प्रकाश का महाप्रलय
शून्य में है स्तब्धता
शून्य में है क्षुब्धता
शून्य को विराम दो
कि शून्य में है गत्यता
शून्य मार्ग प्रशस्त कर
बाधाएं निरस्त कर
शत्रु को शिकस्त दे तू
धर्म को तदर्थ धर
शून्य में है क्षुब्धता
शून्य को विराम दो
कि शून्य में है गत्यता
शून्य मार्ग प्रशस्त कर
बाधाएं निरस्त कर
शत्रु को शिकस्त दे तू
धर्म को तदर्थ धर
आओ शून्य में चलें
आओ शून्य में ढलें
शून्य के आकाश में
हम ह्रस्व-दीर्घ पग भरें
आओ शून्य में ढलें
शून्य के आकाश में
हम ह्रस्व-दीर्घ पग भरें
बेहतरीन कविताओं का संग्रह है आपका ब्लॉग ।
जवाब देंहटाएंNice Post :- Anushka Sen WhatsApp number
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