अश्कों को आँखों का ठौर पसन्द नहीं
उसे पूरी दुनिया से है वास्ता, हद है
कर भी लूँ नींदों से वाबस्ता
ख़्वाब बन जाता है हरजाई हद है
रिंदो साक़ी ने झूम के पिलाया जो
घूँट पानी का न उतरा हद है
कर ली खूब मेहमाननवाज़ी भी हमने
हुए फिर भी बदनाम हद है
हुए फिर भी बदनाम हद है
दो दिन ज़िन्दगी के चांदनी के चार दिन
बाकी ज़िन्दगी है सियापा हद है
ताश के पत्ते मानिंद बिखर जाता है घर
जो न सम्भाला तिनका भी हद है
कर ली थी मैंने इश्क़ से तौबा
उफ़्फ़ तेरी ये आंखें हद है
ये दिल भी बड़ा कमज़र्फ निकला
जान के भी इश्क़ ए दस्तूर हद है
बहुत सुंदर अद्भुत, प्रस्तुति अति सुन्दर,
जवाब देंहटाएंअश्कों को आँखों का ठौर पसन्द नहीं
उसे पूरी दुनिया से है वास्ता, हद है
कर भी लूँ नींदों से वाबस्ता
ख़्वाब बन जाता है हरजाई हद है
रिंदो साक़ी ने झूम के पिलाया जो
घूँट पानी का न उतरा हद है
कर ली खूब मेहमाननवाज़ी भी हमने
हुए फिर भी बदनाम हद है
दो दिन ज़िन्दगी के चांदनी के चार दिन
बाकी ज़िन्दगी है सियापा हद है
ताश के पत्ते मानिंद बिखर जाता है घर
जो न सम्भाला तिनका भी हद है
कर ली थी मैंने प्यार से तौबा
उफ़्फ़ तेरी ये आंखें हद है
ये दिल भी बड़ा कमज़र्फ निकला
जान के भी इश्क़ ए दस्तूर हद है