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जून 02, 2011

याचना


the best painting in the world created by MF Hussain
मेरी ख़ामोशी का ये अर्थ नही की तुम सताओगी 
तुम्हारी जुस्तजू या फिर तुम ही तुम याद आओगी 

वो तो मै था की जब तुम थी खडी मेरे ही आंगन में 
मै पहचाना नही की तुम ही जो आती हो सपनो में 

खता मेरी बस इतनी थी की रोका था नही तुमको 
समझ मेरी न इतनी थी पकड़ लूं हाथ , भुला जग को 

पडेगा आना ही तुमको की तुम ही हो मेरी किस्मत 
भला कैसे रहोगी दूर कि तुम ही हो मेरी हिम्मत 

कि जब आयेगी हिचकी तुम समझ लेना मै आया हूँ 
तुम्हारे  सामने दर पे एक दरख्वास्त लाया हूँ 

कि संग चलकर तुम मेरी ज़िंदगी को खूब संवारोगी 
मेरे जीवन की कडवाहट को तुम अमृत बनाओगी 

पनाहों में जो आया हूँ रहम मुझ पर ज़रा करना 
अब आओ भी खडा हूँ राह पर निश्चित है संग चलना 

painting by M F HUSSAIN 


19 टिप्‍पणियां:

  1. पनाहों में जो आया हूँ रहम मुझ पर ज़रा करना
    अब आओ भी खडा हूँ राह पर निश्चित है संग चलना
    waah

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरी ख़ामोशी का ये अर्थ नही की तुम सताओगी
    तुम्हारी जुस्तजू या फिर तुम ही तुम याद आओगी

    खूबसूरत !

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर भावनात्मक कविता ............

    जवाब देंहटाएं
  4. खता मेरी बस इतनी थी की रोका था नही तुमको
    समझ मेरी न इतनी थी पकड़ लूं हाथ , भुला जग को

    ....बहुत सुन्दर भावमयी रचना..

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन भावनाएं व्यक्त करते शब्द,आप अच्छा लिखती है बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. अति सुन्दर। भावपुर्ण अभिव्यक्ति। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  7. मेरी ख़ामोशी का ये अर्थ नही की तुम सताओगी
    तुम्हारी जुस्तजू या फिर तुम ही तुम याद आओगी
    सुन्दर अति सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  8. पडेगा आना ही तुमको की तुम ही हो मेरी किस्मत
    भला कैसे रहोगी दूर कि तुम ही हो मेरी हिम्मत ......बहुत अच्छी रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  9. पडेगा आना ही तुमको की तुम ही हो मेरी किस्मत
    भला कैसे रहोगी दूर कि तुम ही हो मेरी हिम्मत..
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! बधाई!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं

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