मन के अंध-तमस को हरकर
सुख-समृद्धि आँचल में भरकर
दुःख-क्लेश सब दूर भगाकर
मंगलमयी दिवाली आयी
फुलझड़ियाँ भी खूब जलाओ
लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी
मिष्टान्न का भोग लगाओ
पर्व फिर दीयों का आया
पुलकित हुआ ये मन ये काया
अंधकार था जो समाया
आलोकित हुआ जग सारा
आओ मिलकर खुशियाँ मनाएं
फुलझडियों से स्वागत-गीत गायें
खुशियों से भर दे धरती को
मन के तम को दूर भगाएं
एक शपथ ले हम सब मिलकर
आग पटाखों से संभलकर
खुशिओं को आज गले लगाएं
दिवाली की सबको शुभकामनाएं
खुशिओं को आज गले लगाएं
जवाब देंहटाएंदिवाली की सबको शुभकामनाएं
बहुत बढि़या ...दीपोत्सव की शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
सार्थक रचना, सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएं"शुभ दीपावली"
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मंगलमय हो शुभ 'ज्योति पर्व ; जीवन पथ हो बाधा विहीन.
परिजन, प्रियजन का मिले स्नेह, घर आयें नित खुशियाँ नवीन.
-एस . एन. शुक्ल
Thank you so kmuch and same to you.
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं!
शुभ दिवाली !
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसुंदर और सार्थक रचना।
जवाब देंहटाएंदीप पर्व की शुभकामनाएं......
दीपावली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंway4host
rajputs-parinay
वाह ..
जवाब देंहटाएंचित्रों क साथ रचना की प्रस्त्ुति अच्छी लगी ..
.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
shubh deepawali...
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