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अक्टूबर 25, 2011

दिवाली की सबको शुभकामनाएं


मन के अंध-तमस को हरकर
सुख-समृद्धि आँचल में भरकर 
दुःख-क्लेश सब दूर भगाकर 
मंगलमयी दिवाली आयी 
 
झांझ-मंजीरा ढोल बजाओ 
फुलझड़ियाँ  भी खूब जलाओ 
लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी 
मिष्टान्न का भोग लगाओ 


पर्व फिर दीयों का आया 
पुलकित हुआ ये मन ये काया 
अंधकार था जो समाया 
आलोकित हुआ जग सारा 
आओ मिलकर खुशियाँ मनाएं 
फुलझडियों से स्वागत-गीत गायें 
खुशियों से भर दे धरती को 
मन के तम को दूर भगाएं 
एक शपथ ले हम सब मिलकर 
आग पटाखों से संभलकर 
खुशिओं को आज गले लगाएं 
दिवाली की सबको शुभकामनाएं 

12 टिप्‍पणियां:

  1. खुशिओं को आज गले लगाएं
    दिवाली की सबको शुभकामनाएं
    बहुत बढि़या ...दीपोत्‍सव की शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सार्थक रचना, सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.


    "शुभ दीपावली"
    ==========
    मंगलमय हो शुभ 'ज्योति पर्व ; जीवन पथ हो बाधा विहीन.
    परिजन, प्रियजन का मिले स्नेह, घर आयें नित खुशियाँ नवीन.
    -एस . एन. शुक्ल

    जवाब देंहटाएं
  3. आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  4. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर और सार्थक रचना।

    दीप पर्व की शुभकामनाएं......

    जवाब देंहटाएं
  6. दीपावली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ |

    way4host
    rajputs-parinay

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह ..
    चित्रों क साथ रचना की प्रस्‍त्‍ुति अच्‍छी लगी ..
    .. आपको दीपोत्‍सव की शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं

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