ज़िन्दगी से बस यूं ही चन्द बातें हुई चमन में आये बहार से एक मुलाकात हुई जलते चिरागों तले रोशनी नहीं होती चिराग तले अँधेरे में ज़िन्दगी दीदार हुई हर तरफ भीड़ है हर शख्स है परेशान इस दुनिया में ज़िन्दगी तू ही है तनहा खडी |
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हमने रखे हैं नक्शे पा आसमां के ज़मीं पर अब ज़मीं को आसमां बनने में देर न लगेगी टांग आयी हूँ सारे ग़म दरो दीवार के खूंटी पर अब वफ़ाओं...
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तूने दिखाया था जहां ए हुस्न मगर मेरे जहाँ ए हक़ीक़त में हुस्न ये बिखर गया चलना पड़ा मुझे इस कदर यहाँ वहाँ गिनने वालों से पाँव का छाला न गिना गय...
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कदम से कदम मिलाकर देख लिया आसान नहीं है तेरे साथ चलना तुझे अपनी तलाश है मुझे अपनी मुश्किल है दो मुख़्तलिफ़ का साथ रहना यूँ तो तू दरिया और ...
ज़िन्दगी से बस यूं ही
जवाब देंहटाएंचन्द बातें हुई
चमन में आये बहार से
एक मुलाकात हुई........
सितारों की भीड़ में खो गयी थी चांदनी
आज उसकी खुद से बात हुयी .........बहुत सुन्दर ,,,, खुद से बात की आपने ........
bhut hi succhi aur khubsurat panktiya...
जवाब देंहटाएंहर तरफ भीड़ है -
जवाब देंहटाएंहर शख्स है परेशान --
बहुत सुन्दर
achhi rachna
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंsundar kam shabdon mein achhee baatein
जवाब देंहटाएंhanso to hanstee zindgee
roo to rotee zindgee
jiyo to jeetee zindgee
jaisaa dekho zindgee ko
waisee dikhtee zindgee
सच कहा आपने ज़िन्दगी ही तन्हा रह जाती है ......
जवाब देंहटाएंकविता जी, सही कहा आपने। जिंदगी की सही तस्वीर।
जवाब देंहटाएं---------
विलुप्त हो जाएगा इंसान?
कहाँ ले जाएगी, ये लड़कों की चाहत?
जीवन का एक सनातन शाश्वत सत्य प्रस्तुत करती हुई छोटी परन्तु प्रभावशाली कविता..........
जवाब देंहटाएंहर तरफ भीड़ है
जवाब देंहटाएंहर शख्स है परेशान
इस दुनिया में ज़िन्दगी
तू ही है तनहा खडी
वाकई अद्भुत रचना
क्या बात है..बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंadbhut...sach me pyari see rachna..:)
जवाब देंहटाएंkabhi hamare blog pe aayen...
v nice
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