गद्दारों सम्भल जाओ
तुम न अब चल पाओगे
जुल्म तुम्हारा खत्म हुआ
अब पब्लिक से पिट जाओगे
चाहे जितने पत्थर फेंको
चला लो गोली सीने पे
मर मिटेंगे अपने मुल्क पर
या शत्रुओं को छलनी कर देंगे
भ्र्ष्ट राजनेताओं को
जड़ से हम उखाड़ेंगे
दहशतगर्दों को सरेआम
पेड़ों पर लटकायेंगे
नापाक़ खून से पाक़ ज़मीं को
अब नहीं रंगने देंगे
दुश्मनों के घर में घुसकर
उनको कफ़न ओढ़ाएंगे
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