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इस blog का Total pageview एक लाख के ऊपर पहुंच गया है। इस ब्लॉग के सभी पाठकों को अजस्र धन्यवाद। आशा है आगे भी आप सब का आशीर्वाद यूं ही प्राप्त करती रहूँगी। मेरे पुराने पोस्ट से एक रचना पेश है।
(1)
चाँद खिला पर रौशनी नही आयी
रात बीती पर दिन न चढ़ा
अर्श से फर्श तक के सफ़र में
कमबख्त रौशनी तबाह हो गयी।
(2)
दिल की हालत कुछ यूं बयान हुई
कुछ इधर गिरा कुछ उधर गिरा
राह-ए-उल्फत का ये नजराना है जालिम
न वो तुझे मिला न वो मुझे मिला ।
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बहुत ही सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएं:-)