हर पल बेहतर था तेरे आने पर उम्मीद जग उठी थी तेरे रहने पर पर तूने जो जख्म दिया मेरे सीने में सपने बह गए सारे तेरे जाने पर रेत ले गया समंदर मेरे प्यार की दफन हो गया एहसास तेरे प्यार की ख्वाबो पर अब हक नहीं रहा कोई खो दिया मैंने तुम्हे एक बार फिर वीरान पड़ी है गली कूचे इस जहां में शाम ढल गयी है तेरी याद में जाने किस शहर में ढूँढू ठिकाना तेरा जी लिया उम्र सारा बेवफा तेरी ख्याल में |
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मार्च 04, 2012
हर पल
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हमने रखे हैं नक्शे पा आसमां के ज़मीं पर अब ज़मीं को आसमां बनने में देर न लगेगी टांग आयी हूँ सारे ग़म दरो दीवार के खूंटी पर अब वफ़ाओं...
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तूने दिखाया था जहां ए हुस्न मगर मेरे जहाँ ए हक़ीक़त में हुस्न ये बिखर गया चलना पड़ा मुझे इस कदर यहाँ वहाँ गिनने वालों से पाँव का छाला न गिना गय...
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कदम से कदम मिलाकर देख लिया आसान नहीं है तेरे साथ चलना तुझे अपनी तलाश है मुझे अपनी मुश्किल है दो मुख़्तलिफ़ का साथ रहना यूँ तो तू दरिया और ...
एहसास .. निःश्वास
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपके इस प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 05-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएँ!
वाह..बहुत खूब ...टूटे दिल की दास्तान
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना .....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंकोमल भावो की बेहतरीन अभिव्यक्ति ...
~~~~ happy holi ~~~~~
सुन्दर रचना.....
जवाब देंहटाएंवीरान पड़ी है गली कूचे इस जहां में
जवाब देंहटाएंशाम ढल गयी है तेरी याद में
जाने किस शहर में ढूँढू ठिकाना तेरा
जी लिया उम्र सारा बेवफा तेरी ख्याल में
अब रिहर्सल ही सही .
holi mubaarak .
भावपूर्ण प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंहोली की ढेर सारी शुभकामनायें !
आभार !
रेत ले गया समंदर मेरे प्यार की
जवाब देंहटाएंदफन हो गया एहसास तेरे प्यार की
ख्वाबो पर अब हक नहीं रहा कोई
खो दिया मैंने तुम्हे एक बार फिर
wah ana ji kya khoob likha hai ....sadar badhai.