आँखों की भाषा पढना सीखो खामोशी को चुपके से सुनना सीखो शब्द बिना बोले लब से जुबां की भाषा समझना सीखो सुनो गुनगुनाती हवा को सन सन सन सन कहती है क्या शब्दों की मद्धिम आहट सुनकर क़दमों को पहचानना सीखो छूना न ठहरे पानी को इक इक लम्हा गिर जाएगा चटक जायेंगी गहराइयां ग़म का प्याला दरक जाएगा जुबां तुम न खोलो पिया आँखों से खोलो जिया नयनों के अश्कों की भाषा को समझना सीखो |
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अक्टूबर 01, 2011
आँखों की भाषा....
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बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंसुन्दर और कोमल अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंछूना न ठहरे पानी को
जवाब देंहटाएंइक इक लम्हा गिर जाएगा
चटक जायेंगी गहराइयां
ग़म का प्याला दरक जाएगा ....
सुन्दर अभिव्यक्ति
आपके विचार पढकर हार्दिक प्रसन्नता हुई. आपके द्वारा हिंदी को अंतरजाल पर समृद्ध करने में दिया जा रहा योगदान अमूल्य है. क्या आप ब्लॉगप्रहरी के नये स्वरूप से परिचित है.हिंदी ब्लॉगजगत से सेवार्थ हमने ब्लॉगप्रहरी के रूप में एक बेमिशाल एग्रीगेटर आपके सामने रखा है. यह एग्रीगेटर अपने पूर्वजों और वर्तमान में सक्रिय सभी साथी एग्रीगेटरों से कई गुणा सुविधाजनक और आकर्षक है. उदाहरण स्वरूप आप यह परिचय पन्ना देखें उदहारण हेतू पन्ना . क्या आपको इससे बेहतर परिचय पन्ना कोई अन्य सेवा देती है. शायद नहीं ! यह हम हिंदी ब्लोगरों के लिए गर्व की बात है.
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आन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंजुबां तुम न खोलो पिया
जवाब देंहटाएंआँखों से खोलो जिया
नयनों के अश्कों की
भाषा को समझना सीखो
बोली गई भाषा की तुलना में चेहरे के हाव-भाव की भाषा ज्यादा प्रभावशाली होती है।
बढि़या कविता।
सुंदर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुतिकरण.....
बहुत प्यारी कविता कही आपने
जवाब देंहटाएंबधाई