पथिक तू चलते रहना थक मत जाना
पथिक रे मुखरित होना चुप मत रहना
पथिक हाय क्यों तू गुमसुम डर मत है हम
पथिक तू नहीं अकेला तुझे है समर्थन
बस इतना कर दे आवाज़ उठा ले
सोते हुए को झट जगा दे
जो है भ्रष्टाचारी , हत्यारे और आतंकी
स्थान नहीं ऐसों का हो प्रण ये जन जन की
पथिक तू बोल देश के तथाकथित उन भद्र जनों को
भद्रता है क्या ये अन्याय देखकर चुप बैठे वो
जमकर हल्ला बोले विरोध जताए की है उनको परेशानी
क्यों ये सहते रहते है और अधिक सहने की है ठानी
भीरुता और कायरता द्योतक है निर्बल देश का
पर हम है बलशाली त्याग दे मन की सब कायरता
हमें तो करना है निर्माण एकीकृत भद्र समाज की
जहां न हो स्थान इन हत्यारों , भ्रष्टों और आतंक की
भीरुता और कायरता द्योतक है निर्बल देश का
जवाब देंहटाएंपर हम है बलशाली त्याग दे मन की सब कायरता
हमें तो करना है निर्माण एकीकृत भद्र समाज की
जहां न हो स्थान इन हत्यारों , भ्रष्टों और आतंक की
निःसंदेह
भीरुता और कायरता द्योतक है निर्बल देश का
जवाब देंहटाएंपर हम है बलशाली त्याग दे मन की सब कायरता
हमें तो करना है निर्माण एकीकृत भद्र समाज की
जहां न हो स्थान इन हत्यारों , भ्रष्टों और आतंक की ...
बहुत सार्थक सन्देश देती प्रेरक रचना..
पथिक तू चलते रहना थक मत जाना
जवाब देंहटाएंपथिक रे मुखरित होना चुप मत रहना
पथिक हाय क्यों तू गुमसुम डर मत है हम
पथिक तू नहीं अकेला तुझे है समर्थन
..............
nice
सुन्दर सन्देश देती हुई रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक सन्देश देती प्रेरक रचना|धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंचलने का नाम ही जिंदगी है...
जवाब देंहटाएंप्रेरक रचना
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
पथिक तू चलते रहना थक मत जाना
जवाब देंहटाएंपथिक रे मुखरित होना चुप मत रहना
पथिक हाय क्यों तू गुमसुम डर मत है हम
पथिक तू नहीं अकेला तुझे है समर्थन.. hamara bhi hai samarthan... ek sandesh deti hai apki rachna... very nice...
खूबसूरत जज्बात प्रकट करती रचना बधाई
जवाब देंहटाएंthank u very much ana ji....u r creative as well as sensitive...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना है ...
जवाब देंहटाएंgood wishes