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अप्रैल 23, 2011

बात ...दिल की


घुप्प रात का अँधेरा 
परछाई का नहीं नामोनिशाँ
फिर ये साया कौन? 
जो मेरा हमराही है बन रहा 


तुझसे बिछड़कर मरने का 
कोई इरादा तो नही 
इश्क किया है तुझसे 
पर इतना बेपनाह तो नही 


एकटक सितारों को क्यों देखते हो 
इन सितारों से मिलने का तमन्ना तो नहीं ?

15 टिप्‍पणियां:

  1. kaun hai jo sitaron se milnaa nahee chaahtaa
    unkmein nirantar khonaa nahee chaahtaa
    ver nice

    जवाब देंहटाएं
  2. तुझसे बिछड़कर मरने का
    कोई इरादा तो नही
    इश्क किया है तुझसे
    पर इतना बेपनाह तो नही


    बेपनाह इश्क तो अब किताबी बातें हैं..:)

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण अभिव्यक्ति ! बधाई एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छा लिखा ।
    मिलने का तमन्ना
    के बजाय
    मिलने की तमन्ना
    कर लिया जाय ।

    जवाब देंहटाएं

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