अधर सुन्दर
वदन सुन्दर
नयन सुन्दर
हँसी सुन्दर
ह्रदय सुन्दर
गमन सुन्दर
कवि की नायिका तू
अति सुन्दर
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वचन सुन्दर
चरिता सुन्दर
वसन सुन्दर
करवट सुन्दर
चलना सुन्दर
भ्रमण सुन्दर
कवि की नायिका तू
अति सुन्दर
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नृत्य सुन्दर
गीत सुन्दर
भोजन सुन्दर
शयन सुन्दर
रूप सुन्दर
तिलक सुन्दर
कवि की नायिका तू
अति सुन्दर
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गुंजन सुन्दर
माला सुन्दर
पुष्प सुन्दर
कंटक सुन्दर
अंजलि सुन्दर
ये पग सुन्दर
कवि की नायिका तू
अति सुन्दर
इतनी सुंदर कविता लिखेंगी तो सुंदर से डरने लगेंगे। बहुत ही अच्छी कविता है।
जवाब देंहटाएंgreat feelings. thank you very much for your kind and valuable comment on my blog. please visit my blog and read other poems of mine and leave your comments. aap ki kavitayon ka bhav bhahut sundar hai. likhte rahiye.
जवाब देंहटाएंthanks.
आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ! उम्दा प्रस्तुती!
नायिका के सौंदर्य का नख-शिख वर्णन किया है आपने!
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर!
आशीष
--
अब मैं ट्विटर पे भी!
https://twitter.com/professorashish
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।
देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें
--कवि की नायिका तू अति सुन्दर,,,,,पर..
जवाब देंहटाएंप्रिय तुमको दूं क्या उपहार,
मैं तो कविहूं मुझ पर क्या है,
कविता गीतों की झन्कार,
काव्यशास्त्र दूं तुझपे वार॥
these kind of poems are all about feelings. simple, as they might look from words, but the effect, deep and penetrating. i know the feel factor, behind such work; from head to toe, and between, wherever and whichever way you look at it, ati sundar indeed ;)
जवाब देंहटाएंGhalib made some money using Internet
sundar prastuti!
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