जन मानस के मानसपटल में
यह बात हमें जगाना है,
न काटो न छेड़ो न दफनाओ
इन पेड़ों को हमें बचाना है
धरती के इन वरदानो को
यूँ ही नष्ट न करो मानव
गर्त में जाए धरती इससे
पहले ही जाग जाओ सब
काव्याना के बोल बचन
सुन लो ध्यान से रे मानव
सावधान हो जाओ वर्ना
नष्ट होगा ये धरती सघन
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मार्च 17, 2010
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