दुःख तुमने जो दिए
सहा न जाए
सुख मुझसे दूर भागे
रहा न जाए
वंचित हूँ तुम्हारे प्यार से
क्यों समझ ना आये
कटी हूँ मैं जीवन से कैसे
कहा ना जाए
तुम्हारा वो संगसुख
भुलाया ना जाए
वो मृदु स्पर्श प्रेम वचन
क्यों याद आये
वो आलिंगन वो दुःख-सुख में
साथ का किया था वादा
कैसे मै विस्मरण करूँ उन पलों को
वो स्मरण रहेंगे सदा
तुमने अपने दायित्व से
क्यों मूंह फेर लिया
कोई गुप्त कारण है या यूं ही
मुझे रुसवा किया
क्यों ऐसा लगे की तुम
अवश्य लौटोगे
मेरे साथ किया गया वादा
तुम अवश्य निभाओगे
ये जो लोग कहे की जानेवाला
वापस न आये कभी
मै जानूं तुम कोई गया वक्त नही हो
जो लौट न पाओगे
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.
जवाब देंहटाएंjo ek bar chale jate hain
जवाब देंहटाएंvo fir kabhi lautkar nhi aate
khubsurat rachna
jo chala jata hai
जवाब देंहटाएंvo fir lautkar nhi aata
khubsurat rachna
priya anna ji
जवाब देंहटाएंpranam ,
bahut hi marmik kavita se paichit karaya hai aapne, sundar rachana , badhai .
बढ़िया प्रयास..शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंविरह के भावो को परिलक्षित करती रचना बहुत सुन्दर है।
जवाब देंहटाएंये जो लोग कहे की जानेवाला
जवाब देंहटाएंवापस न आये कभी
मै जानूं तुम कोई गया वक्त नही हो
जो लौट न पाओगे
याद तो वो आते है जिन्हे हम भुल जाते है
जो दिल में रहते है वो दूर कहॉ जाते है।
सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंये जो लोग कहे की जानेवाला
जवाब देंहटाएंवापस न आये कभी
मै जानूं तुम कोई गया वक्त नही हो
जो लौट न पाओगे
..बहुत भावपूर्ण..अंतिम पंक्तियाँ लाज़वाब..
bahut hi sunder...dobara padhne chala aaya
जवाब देंहटाएंbahut sunder....
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat rachna .. :)
जवाब देंहटाएंtouched.
उम्दा भावपूर्ण प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया...आप बहुत सुंदर कविता लिखती है.....इस्सी तरह लिखती रहिये..और हम इसी तरह पड़ते रहेंगे...आपको सहराते रहेंगे...
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