जुलाई 14, 2022

वजूद

Tumse Behtar Tumhen Kaun Jaanta hai Bhala
 Apne vajud per bharosa kar lo
Tum sab se mukhtalif Ho na aitabar ho to
Apne Aaina Se jaakar poochh Lo
तुम से बेहतर तुम्हें कौन जानता है भला 
अपने वजूद पर भरोसा कर लो 
तुम सब से मुख़्तलिफ़ हो न एतबार हो तो 
अपने आईना से जाकर पूछ लो
©अनामिका

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-07-2022) को चर्चा मंच     "दिल बहकने लगा आज ज़ज़्बात में"  (चर्चा अंक-4492)     पर भी होगी!
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    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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