सितंबर 04, 2017

मशहूर हो गए


ज़िन्दगी से कुछ इतने क़रीब हुए
कि आईने से भी  हम अजनबी हुए

रोशनी जो आँखों की नजर थी
दिखाया नहीं कुछ जो बत्ती गुल हुए

आ पँहुचे है ऐसी जहाँ में हम
ना ख़ुशी से ख़ुश औ' ना ग़म से ग़म

सभी रास्तें  मिल जाते है जहाँ
उस जगह से रास्तों सा अलग हुए

अच्छे-बुरे,सही-गलत पहचान न सके
मिले सबसे इस कदर कि मशहूर हो गए 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें