ज़िन्दगी से कुछ इतने क़रीब हुए
कि आईने से भी हम अजनबी हुए
रोशनी जो आँखों की नजर थी
दिखाया नहीं कुछ जो बत्ती गुल हुए
आ पँहुचे है ऐसी जहाँ में हम
ना ख़ुशी से ख़ुश औ' ना ग़म से ग़म
सभी रास्तें मिल जाते है जहाँ
उस जगह से रास्तों सा अलग हुए
अच्छे-बुरे,सही-गलत पहचान न सके
मिले सबसे इस कदर कि मशहूर हो गए
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