माँ मुझको तुम अंक में ले लो
स्नेह फुहार से मुझे भिंगो दो
जब भी मुझको भूख लगे माँ
सीने से मुझको लगा लो
सीने को निचोड़ के तुमने
जो मुझको अमृत है पिलाया
उस अमृत का स्वाद आज भी
किसी भोजन में मैंने नहीं पाया
मेरे अंक में मेरा बच्चा
तेरी याद दिलाता है माँ
मुझको फिर से अंक में भर लो
तेरा अंक ही मेरा ठिकाना
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