ये मेरा तुम्हारा मधुर मिलन
हँसते हँसते भरे है नयन
मुस्कान - ए - हया लाये है शर्म
सुमधुर वाणी दे ह्रदय को मरहम
वो भोर के तारे भी देखे
बगिया में पुष्प अधखिले से
वातास भी छुपकर लहराए
माला बन कुसुम भी इतराए
सखियाँ सारी करे अभिनन्दन
देख दोनों का प्रेम अभिवादन
हंसिका से मुखरित हुआ कानन
कहीं मर न जाऊं देख ये प्रेम मिलन
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सुन्दर शब्द योजना .
जवाब देंहटाएंये मेरा तुम्हारा मधुर मिलन
जवाब देंहटाएंहँसते हँसते भरे है नयन
मुस्कान - ए - हया लाये है शर्म
सुमधुर वाणी दे ह्रदय को मरहम
भाव पूर्ण रचना....
कहीं मर न जाऊं देख ये प्रेम मिलन
सादर
आज आपकी यह रचना पढ़कर एक गीत याद आया ...देखा तुम्हें तो जीने लगे हम पालें तुझे तो मारना जाएँ कहीं हम ..... बहुत ही सुंदर एव कोमल भाव संयोजन से सजी खूबसूरत कविता समय मिले आपको तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है एक नारी होने के नाते मेरी इस पोस्ट पर आपके विचारों की प्रतीक्षा रहेगी।
जवाब देंहटाएंhttp://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/ धन्यवाद....
सुंदर कोमल अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ..!
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टी की चर्चा आज शनिवार के चर्चा मंच पर लगाई गई है!
चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप।
सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंये मेरा तुम्हारा मधुर मिलन
जवाब देंहटाएंहँसते हँसते भरे है नयन
बहुत सुन्दर ...
बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
वाह बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंबहुत खूब नज़्म! ब्लॉग की सजावट तो क्या कहने...
जवाब देंहटाएंसुन्दर.... भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंप्यारी सी अभिव्यक्ति ... सुन्दर प्रेम गीत ...
जवाब देंहटाएंgxk7g
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