मार्च 25, 2012

मेरी पुरानी कविताओं से .......


ऐसे उदास नज़रों से  न देखो
दिल दहल जाएगा
उदास क्यों हो बता दो गर
दिल बहल जाएगा
माथे पर शिकन
आँखों में उदासी
चेहरा बेनूर कर देगा
परेशान क्यों हो
रास्ते कई है
उलझन है सुलझ जाएगा


मित्र,सखा,बंधु
कुछ भी कह लो मुझे
मै हूँ हर पल
साथ तुम्हारे


मानो न मानो
अपना मुझे तुम
इस कठिन घड़ी में हूँ
आस पास तुम्हारे


11 टिप्‍पणियां:

  1. इतना भरोसा कि चिंताएं मिट जाएँ !

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
    आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 26-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  3. बहुत सुंदर भाव संयोजन के साथ सुंदर एवं सार्थक प्रस्तुति...

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  4. वाह...सुन्दर प्रस्तुति....

    अनु

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