ज़िन्दगी की तारीखें तो पहले से ही तय है
हमें तो बस उन तारीखों में जिए जाना है
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मार्च 25, 2012
मेरी पुरानी कविताओं से .......
ऐसे उदास नज़रों से न देखो दिल दहल जाएगा उदास क्यों हो बता दो गर दिल बहल जाएगा माथे पर शिकन आँखों में उदासी चेहरा बेनूर कर देगा परेशान क्यों हो रास्ते कई है उलझन है सुलझ जाएगा
मित्र,सखा,बंधु कुछ भी कह लो मुझे मै हूँ हर पल साथ तुम्हारे
मानो न मानो अपना मुझे तुम इस कठिन घड़ी में हूँ आस पास तुम्हारे
इतना भरोसा कि चिंताएं मिट जाएँ !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 26-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना...
जवाब देंहटाएंसादर।
वाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव संयोजन के साथ सुंदर एवं सार्थक प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंवाह...सुन्दर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंअनु
Wah! bhaw purn rachna...prabhawshali
जवाब देंहटाएंpositive thinking poem
जवाब देंहटाएंwaah bahut khub
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