फ़रवरी 21, 2011

आँखों से झांकते...........

             (1)
आँखों से झांकते हुए तुम दिल में उतर गए
हया का पर्दा है जो तुम्हे मुझसे है अलग करता
             (2)
तुम्हे पाने की आरज़ू ने मुझे दीवाना बना दिया
तुम्हारे प्यार को पाना मैंने मकसद बना लिया
तुम्हे न पाने से जो सूरत-ए-हाल होगा सनम
ये सोचना भी दिल गवारा नही करता

11 टिप्‍पणियां:

  1. प्‍यार के रंग अजीब होते हैं।
    अच्‍छे नज्‍म।

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  2. बहुत खुब
    दोनो शेर बेहतरीन है
    आरजू, कब पूरी होती है?
    शुभकामनाये

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  3. nice one...ana ji...
    आपकी यह नज़्म बहुत अच्छी लगी हमें

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  4. आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के
    महत्वपूर्ण दिन "अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को "सुगना फाऊंडेशन जोधपुर "और "आज का आगरा" की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपका आपना

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  5. "तुम्हे पाने की आरज़ू ने मुझे दीवाना बना दिया
    तुम्हारे प्यार को पाना मैंने मकसद बना लिया"

    वाह ... क्या बात है
    बहुत सुन्दर

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  6. मन की भावनाएं
    और
    मन भावन शब्द ....
    सुन्दर काव्य !!

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