मई 09, 2010

स्वप्न-नगरी


आओ सुनाऊं एक गुमनाम देश की सच्ची कहानी 
जिस देश न है राजा और न ही है रानी 
जो राह  है सीधा औ सरल उस ओर कोई नहीं 
मार्ग जो है कठिन वो राह कहीं खाली नहीं 

सरकार है ऐसी उस देश की बताऊं मै  
जनता की सेवा का लिया है प्रण  ये जानूं मै 
मंत्री उस देश का है शिक्षित और जिम्मेदार 
स्थिति उस देश की है मजबूत और खुशगवार 

अचरज है मंत्री नहीं है कोई ऐसा 
जो ले रिश्वत , भ्रष्ट या करे ह्त्या 
जहां न चोरी न लूटपाट न कोई अपहरण 
छाया है शांति चारों ओर लोग करे चिंतन - मनन 

ऐसे एक देश का सपना मै भी सजाऊं
मै भी चाहूं रहूँ सुरक्षित और चिंता भगाऊँ 
इस सपने को साकार करना ही है अपना ध्येय 
मेरा ये जीवन समर्पित हो एक ऐसे देश के लिए 

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