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जनवरी 05, 2012

बातें जीवन की ..


बातें जीवन की ..
जो नस-नस में रस घोल रही है 
आवाज़ बन गले से बोल रही है 

आकार जीवन का ....
न जाने बार-बार शक्लें बदल रही है 
आकार-निराकार में ढल रही है 

सच्चाई जीवन की.......
तुम्हारे आँखों की रौशनी ही 
मेरे जीवन की आस है 
तुमसे जुडी हुई लम्हों के -
किस्से ..बड़े ख़ास है 


9 टिप्‍पणियां:

  1. सच्चाई जीवन की.......
    तुम्हारे आँखों की रौशनी ही
    मेरे जीवन की आस है
    तुमसे जुडी हुई लम्हों के -
    किस्से ..बड़े ख़ास है
    waah bahut sundar...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत कोमल और सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  3. सच्चाई जीवन की.......
    तुम्हारे आँखों की रौशनी ही
    मेरे जीवन की आस है
    तुमसे जुडी हुई लम्हों के -
    किस्से ..बड़े ख़ास है

    सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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