आँखों में आंसूं भरे है तेरी यादों में हलक से पानी न उतरा तेरी यादों में हर आहट तेरे आने का आस जगाये भरी महफ़िल से हम उठकर चले आये तेरी यादों में दिल का दर्द नासूर बन गया तेरी यादों में बह रही है आंसूओं की धार तेरी यादों में टूटा जो नाज़ुक दिल जुड़ न पाया रग-रग टूटा जाए तेरी यादों में |
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मार्च 31, 2011
तेरी यादों में ...
मार्च 27, 2011
मार्च 22, 2011
वो लम्हे ...
वो लम्हे ....
जो साथ गुज़ारे थे
ख्वाब सजाये थे
नींद उडायी थी
याद तो है न!
.........
वो प्यार........
जिसे लम्हों ने सींचा था
पलकों पर सजाया था
उसके खुशबू के दामन से
जीवन महकाया था
याद तो है न!
...........
वो दिन........
जीने मरने की हम
कसमे जो खाते थे
साथ न छोड़ेंगे
कहते न थकते थे
याद तो है न!
..............
फिर क्यों .......
ये दूरी मजबूरी
धागे रिश्तो के ये
टूटी ..जो न फिर जुड़ी
आखिर भूल ही गए न !!!!!
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