tag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post7183692418126067973..comments2024-01-19T14:03:43.511+05:30Comments on कविता: हमने तो आलने .......Anamikaghatakhttp://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post-40084480594212245282011-02-10T08:07:25.824+05:302011-02-10T08:07:25.824+05:30बहुत सुंदर कविता।बहुत सुंदर कविता।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post-55299400059857143962011-01-14T08:21:47.880+05:302011-01-14T08:21:47.880+05:30दिल को छु गयी आपकी कहानी .
आपको और आपके परिवार को ...दिल को छु गयी आपकी कहानी .<br />आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति के पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ !"संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post-38228865257450600272011-01-13T21:57:22.330+05:302011-01-13T21:57:22.330+05:30जागते हम रात से सुबह तलक
फिर भी नींद का खुमार क्यो...जागते हम रात से सुबह तलक<br />फिर भी नींद का खुमार क्यों न चढ़ा<br />रैन तो रात भर जलता रहा<br />पर नैनो ने रात भर ख्वाब न बुना<br /><br />khubsurat yehsas<br />...deepti sharmahttps://www.blogger.com/profile/10113945456813271746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post-60116430604851781552011-01-13T21:37:18.163+05:302011-01-13T21:37:18.163+05:30बहुत सुन्दर रचना, शुभकामनायेबहुत सुन्दर रचना, शुभकामनायेDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post-65843281227878965742011-01-13T19:13:47.957+05:302011-01-13T19:13:47.957+05:30हमने तो आलने में दिए है जलाए
ये फिर आँखों से धुआं ...हमने तो आलने में दिए है जलाए<br />ये फिर आँखों से धुआं क्यों उठा<br />हमने तो बागों में फूल है खिलाये<br />ये फिर फूलों का रंग क्यों उड़ा<br /><br />हरेक पंक्ति दिल को छू जाती है..अपनी इच्छा के अनुसार परिणाम कहाँ मिलता है..बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुतिKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post-11304981873364033522011-01-13T19:09:00.138+05:302011-01-13T19:09:00.138+05:30जिन्दगी के संवरने की आस जगाती सुन्दर रचनाजिन्दगी के संवरने की आस जगाती सुन्दर रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7364255469277485122.post-33457607703407767592011-01-13T18:06:23.792+05:302011-01-13T18:06:23.792+05:30जिन्दगी गर्दिश में बने रहेंगे
ऐसे तो हमने दाने नही...जिन्दगी गर्दिश में बने रहेंगे<br />ऐसे तो हमने दाने नहीं बोये<br />पता है जिन्दगी संवर जायेगी<br />ऐसा कुछ हमने यथार्थ में है पिरोया<br /><br />....अच्छे का परिणाम अच्छा होता ही है ..भले ही हम विपरीत परस्थितियों में लड़खड़ाने लगते हैं लेकिन तभी तो खुद चलना सीखते हैं......यथार्थ का धरातल बहुत कठोर है....जितनी जल्दी समझ ले इंसान उतना अच्छा ..<br />बहुत अच्छी रचना ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com