इस दुनिया में सब है अच्छा
असल भी अच्छा नक़ल भी अच्छा
सस्ता भी अच्छा महँगा भी अच्छा
तुम भी अच्छे मै भी अच्छा
वहां गानों का छंद भी अच्छा
यहाँ फूलों का गंध भी अच्छा
बादल से भरा आकाश भी अच्छा
लहरों को जगाता वातास भी अच्छा
ग्रीष्म अच्छा वर्षा भी अच्छा
मैला भी अच्छा साफ़ भी अच्छा
पुलाव अच्छा कोरमा भी अच्छा
मछली परवल का दोरमा भी अच्छा
कच्चा भी अच्छा पका भी अच्छा
सीधा भी अच्छा टेढा भी अच्छा
घंटी भी अच्छी ढोल भी अच्छा
चोटी भी अच्छा गंजा भी अच्छा
ठेला गाडी ठेलना भी अच्छा
खस्ता पूरी बेलना भी अच्छा
गिटकीड़ी गीत सुनने में अच्छा
सेमल रूई धुनने में अच्छा
ठन्डे पानी में नहाना भी अच्छा
पर सबसे अच्छा है ...................
सूखी रोटी और गीला गुड
कवि सुकुमार राय के कविता का काव्यानुवाद
Nice Poem.
जवाब देंहटाएंअसल भी अच्छा नकल भी अच्छा.....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंये भी अच्छा
जवाब देंहटाएंBAUT KHOOB LIKHA HAI AAPNE ... SAB KUCH ACCHA ...
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